साल की यादें
[ साल की यादें ]
कलम हाथ में आज भी है
न जाने कब से लिख रहा हूं
अब ये साल भी जाने को है
नए साल की राह तक रहा हूं
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
शब्दांचल पर लिखा
पायस पोएट्री पर लिखा
लिखा मैने जे. ई.सी. पर
अमर उजाला पर लिखा
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
लिखने के शौक मुझे
कहां कहां नही लिखा इस साल
बहुत से अल्फाज उतारे मैने
यादों के इसी साल
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
कलम क्राफ्ट पर लिखना
संकलन में लिखना मेरा
यादों के इस साल भर में
प्रतियोगिताओ में भाग लेना मेरा
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
नए नए लेखकों से मिलना
उनको जानना पहचानना
प्रमाण पत्रों के मिलने की खुशी
नई कविताए बुनने की खुशी
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
अपने अंदर छिपे हुनर को तलाशना
खुद को रचनाओं के साथ बनाए रखना
लिखते लिखते कलम को बनाए रखना
जो लेख है मेरा उसे सजाए रखना
यही मेरे साल की यादें
और मेरे अलफाज की बातें
- गुड्डू मुनीरी ( सिकंदराबादी )
Reyaan
17-Jan-2024 11:38 PM
Nice one
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Gunjan Kamal
08-Jan-2024 08:45 PM
👏👌
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Milind salve
08-Jan-2024 07:36 AM
V nice
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